राकेश मिश्र – राकेश श्रीमाल संवाद
कहानीकार राकेश मिश्र निर्णायक व्यक्तित्व के धनी है और ऐसे मनुष्यों की बात-चीत अलग ही तमक पैदा करती है. राकेश…
कहानीकार राकेश मिश्र निर्णायक व्यक्तित्व के धनी है और ऐसे मनुष्यों की बात-चीत अलग ही तमक पैदा करती है. राकेश…
‘होमबाउंड’ फिल्म की यह समीक्षा आलोक कुमार मिश्र ने लिखी है. आलोक के लेखकीय जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा बच्चों…
विनय कुमार का कवि-व्यक्तित्व शायद ही किसी प्रेरणा का मोहताज हो. वे बोर्हेस की कहानी ‘रोज ऑफ परसेल्सस’ (Rose of Paracelsus) के…
( चौबीस नवम्बर का दिन अरुंधति रॉय के जन्मदिन का दिन होता है. उन्हें जन्मदिन की बधाई. भारतभूषण ने अरुंधति…
( विजय गौड़ का निधन असमायिक था और इस अर्थ में स्तब्ध कर देने वाला भी. सोलह मई उन्नीस सौ…
( मुक्तिबोध की कहानियों पर यह आलेख कथाकार योगेन्द्र आहूजा का है. मुक्तिबोध का जैसा रूप योगेन्द्र जी ने अपनी…
( मुक्तिबोध सप्ताह की पांचवी यह प्रस्तुति योगेश शर्मा का आलेख है. योगेश शोधार्थी हैं और यह एक साहसिक प्रयास…
‘आज बहुत से कवियों के अंतःकरण में जो बैचैनी, जो ग्लानि, जो अवसाद, जो विरक्ति है, उसका एक कारण (अन्य…
शांतिनिकेतन १. ज़मीन पर गिरे बीज दिखाई देते हैं पेड़ पर लगे फल नहीं दिखाई देते वह तारा टूटते-टूटते किसी…
( मुक्तिबोध की यह कविता ‘मीठा बेर’ कवि विनोद दास ने कविता का सटीक और सार्थक पाठ तैयार किया है.…